लखीसराय जिले के रामगढ़ गांव मे शौचालय का टंकी के खूदाई के दौरान मिली प्राचीन एवं बेशकीमती मूर्ति ..

जिला लखीसराय का पूर्व में काफी स्वर्णिम इतिहास रहा है. यही कारण है कि जिले के विभिन्न इलाकों में पुरातात्विक महत्व की मूर्ति व सामग्री मिलती रही है. इसी क्रम में सबसे प्रसिद्ध लाली पहाड़ी की खुदाई के दौरान बौद्ध महाविहार का भग्नावशेष मिला था. जिसकी चर्चा राज्य ही नहीं बल्कि देश व विदेशों में भी हो रही है. इसी क्रम में गुरुवार को जिले के रामगढ़ चौक थाना क्षेत्र के रामगढ़ गांव में भी एक पुरातात्विक खंडित मूर्ति एक मकान निर्माण के दौरान शौचालय के लिए गड्ढा करने के दौरान मिलने के बाद क्षेत्र चर्चा में आ गया. रामगढ़ गांव में पुरातात्विक महत्व की मूर्ति मिलने की जानकारी मिलते ही डीएम अमरेंद्र कुमार, एसपी पंकज कुमार, एसडीएम संजय कुमार, बीडीओ गौतम सिन्हा दल बल के साथ मौके पर पहुंच मूर्ति का अवलोकन किया.

खुदाई कार्य बंद करने का निर्देश

अधिकारियों ने मकान मालिक से खंडित मूर्ति मिलने के संबंध में जानकारी प्राप्त की. जिसमें मकान मालिक नौरी राम के पुत्र भगवान राम ने बताया कि वे मकान का निर्माण करा रहे हैं. इसी क्रम में शौचालय निर्माण कराने के लिए गड्ढा करवा रहे थे मंगलवार कि शाम यह मूर्ति मिली, जिसकी लंबाई लगभग ढाई फीट का है. वहीं खुदाई में मिले प्रतिमा के बाद उन्होंने गड्डा करना बंद करवा दिया. जिस पर डीएम ने कहा कि वे खुदाई कार्य बंद कर दें, मकान निर्माण चालू रख सकते हैं. वहीं उन्होंने एसडीएम व सीओ रामगढ़ चौक को मूर्ति को लखीसराय जिला मुख्यालय में बनाये गये अस्थायी संग्रहालय में तत्काल रखवाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. जिसके बाद मौके पर से खंडित मूर्ति को उठाकर जिला मुख्यालय पहुंचाया गया.

डीएम से मूर्ति को संग्रहालय में रखवाने की मांग

रामगढ़ गांव में मूर्ति मिलने की सूचना के बाद लखीसराय जिला संग्रहालय के अध्यक्ष शिवम कुमार मिश्रा ने डीएम से मूर्ति को संग्रहालय में रखवाने की मांग की थी. श्री मिश्रा ने दूरभाष पर बताया कि मूर्ति के अवलोकन से भगवान विष्णु की मूर्ति का भाग प्रतीत हो रहा है. जिसका वह दाहिना भाग है. जिसमें एक हाथ में गदा व एक हाथ में चक्र होता प्रतीत हो रहा है. उन्होंने बताया कि प्रतिमा 10 से 12वीं शताब्दी की बीच की हो सकती है.

मूर्ति 11वीं शताब्दी के आसपास की

जिले के पिपरिया प्रखंड के वलीपुर निवासी सह विश्वभारती शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय पश्चिम बंगाल के प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के प्राध्यापक डॉ अनिल कुमार ने दूरभाष पर बताया कि मूर्ति भगवान विष्णु की प्रतीत हो रही है. इसके साथ ही मूर्ति का जो भाग मिला है, उसके निचले हिस्से में एक देवी की मूर्ति भी दिख रही है. जो गदा देवी की प्रतीत हो रही है. उन्होंने भी मूर्ति के 11वीं शताब्दी के आसपास के ही होने की बात कही. डॉ कुमार ने बताया कि रामगढ़ चौक में जिस जगह मूर्ति मिली है और मूर्ति की स्थिति को देखकर लगता है कि आसपास कोई गढ़ रहा होगा. यदि इस दिशा में सही जानकारी हासिल कर खुदाई कार्य करायी जाय तो इतिहास की कुछ जानकारी मिल सकती है.

 

 



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