बड़हिया के जगदंबा हिंदी पुस्तकालय के शताब्दी समारोह में शामिल हुए हाइकोर्ट के जज, कहा पुस्तकों के माध्यम से सशक्त होता है समाज

लोगों से की पुस्तकालय में एक-एक पुस्तक देने की अपील वक्ताओं ने पुस्तकालय की गौरव

गाथा को किया याद शताब्दी समारोह पर सुबह में

निकाली गयी प्रभात फेरी • 23 अप्रैल 1923 को हुई थी जगदबा हिंदी पुस्तकालय की स्थापना

बड़हिय

नगर स्थित श्री जगदंबा हिंदी पुस्तकालय के सौ वर्ष पूरे होने पर रविवार को दो दिवसीय शताब्दी समारोह का आगाज शानदार तरीके से किया गया. समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद व विशिष्ट अतिथि के रूप में मुंगेर आयुक्त संजय कुमार सिंह शामिल हुए, पूर्व कमिश्नर गौरखनाथ सिंह, डीएम अमरेंद्र कुमार, एसडीएम निशांत कुमार, नगर ईओ अमित कुमार भी कार्यक्रम में शामिल हुए कार्यक्रम का उद्घाटन उपरोक्त अतिथियों व प्रो डॉ सत्येंद्र अरुण, पुस्तकालय अध्यक्ष अशोक प्रसाद सिंह, सचिव सुरेश प्रसाद माधुर्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान शिक्षक पीयूष कुकर झा ने मंगलाचरण किया. कार्यक्रम में आये अतिथियों के स्वागत में उच्च विद्यालय के संगीत शिक्षक नरेश कुमार के नेतृत्व ि में छात्रा पम्मी, सुरुचि, सृष्टि, पल्लवी, अनन्या कुमारी ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार रत्नेश कुमार कर रहे थे. कार्यक्रम में आये सभी अतिथियों को पुस्तकालय परिवार ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया. इसके साथ ही शिक्षा व खेल से जुड़े छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया. इस दौरान स्वागत भाषण सचिव सुरेश प्रसाद माधुर्य ने दिया.

सुबह में निकाली प्रभात फेरी, किया गया नगर भ्रमण

दो दिवसीय शताब्दी समारोह को लेकर नगर वासियों में उत्साह को दोगुना कर दिया कार्यक्रम शुरू होने से पहले सुबह में पुस्तकालय से छात्र छात्राओं  ने हाथी व गाजे-बाजे के साथ प्रभात फेरी निकाली. प्रभात फेरी पुस्तकालय परिसर से निकल कर बाहापर, जगदंबा स्थान होते हुए नगर भ्रमण कर पुस्तकालय आकर समाप्त हो गयी.

शताब्दी समारोह में आये अतिथियों ने जगदंबा स्थान में की पूजा-अर्चना

वहीं मुख्य अतिथि पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने जगदंबा हिंदी पुस्तकालय का जायजा लिया. उन्होंने सौ वर्ष पूर्व लिखी हस्तलिखित विष्णु पुराण, रामायण को भी देखा. न्यायाधीश, मुंगेर आयुक्त संजय कुमार सिंह ने नगर स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ माँ बाला त्रिपुर सुंदरी मंदिर पहुंचकर महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती की पिंडियों के दर्शन किये. पंडित विनय कुमार के मंत्र उच्चारण के साथ आरती कर पूजा- अर्चना कर माथा टेका व सुख समृद्धि की कामना की.

महात्मा गांधी व डॉ राजेंद्र प्रसाद भी आये ये पुस्तकालय

आजादी के समय क्रांति का संदेश फैलाने के लिए बड़हिया छात्र परिषद के रामकृष्ण सिंह सिद्धजी, शिव गोविंद सिंह एवं उसके सहयोगियों ने वर्ष 1923 में श्री जगदंबा हिंदी पुस्तकालय की स्थापना की थी. 12 अप्रैल 1929 को देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद एवं चार अप्रैल 1934 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पुस्तकालय में आगमन हुआ था. करीब चार दशक से यह पुस्तकालय अपने भवन में संचालित हो रहा है. 1990 तक पुस्तकालय में पाठकों की संख्या अच्छी-खासी रही. इसका संचालन भी काफी कुशल तरीके से हो रहा था. पर आधुनिकता की चकाचौंध में धीरे- धीरे लोगों की अभिरुचि पुस्तकालय की ओर से घटने लगी. इसका जगदबा हिंदी पुस्तकालय में भी पाठकों की संख्या में लगातार गिरावट आयी. वर्तमान में पुस्तकालय को एक वर्ष से पुस्तकालय अध्यक्ष अशोक प्रसाद व सचिव सुरेश प्रसाद माधुर्य के नेतृत्व में पूरी व्यवस्था के साथ संचालित किया जा रहा है.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि जहां से ज्ञान की किरणें फूट-फूट कर मानस पटल को आलोकित करती है, उस संस्थान को हम पुस्तकालय कहते है. पुस्तक वह हथियार है, जिसके माध्यम से समाज में क्रांति लायी जा सकती है. समाज को मजबूत बनाने का सशक्त माध्यम पुस्तक है. आज जगदंबा  हिंदी पुस्तकालय का शताब्दी समारोह है. आज हम सब लोगों को एक शपथ लेने की जरूरत है. सभी लोग अपनी तरफ से एक एक पुस्तक खरीद कर इस पुस्तकालय को दें. एक छोटी सी पहल कितनी बड़ी बात हो सकती है जरा सोचिये. बड़हिया के जितने भी लोग हैं चाहे वे कम कमाने वाले हो या ज्यादा कमाने वाले सभी एक पुस्तक पुस्तकालय को दें. फर्क इतना ही होगा की ज्यादा कमाने वाले अधिक दाम वाली को किताब देंगे. आप लोगों ने एक एक किताब दिया तो आने वाले समय में जगदंबा हिंदी पुस्तकालय सबसे बड़ा पुस्तकालय बन जायेगा. वही आयुक्त संजय कुमार सिंह ने कहा कि बड़हिया के लोगों से अटूट संबंध है. यहां के लोग जब मुंगेर आते है तो अपना परिवार जैसा लगता है. बड़हिया वीरों की भूमि है. उन्होंने छात्र छात्राओं से कहा कि किताब पर ध्यान देने व पढ़ाई के क्रम में मोबाइल को दूर रखे. पूर्व कमिश्नर गौरखनाथ सिंह, डॉ आशुतोष कुमार ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. कार्यक्रम का समापन अधिवक्ता नवीन कुमार के धन्यवाद ज्ञापन से किया गया. वहीं कार्यक्रम में अभिराम सर, सुजीत कुमार, अमित कुमार, शिवबालक सिंह, डॉक्टर अर्जुन प्रसाद सिंह, मनोज कुमार, अजीत कुमार, घनश्याम कुमार, लाला भैया, बासुकीनाथ सिंह, संजीव कुमार, श्याम नंदन सिंह, रामप्रवेश सिंह, प्रेम सर, रविशंकर प्रसाद, साहिल कुमार, विशाल की ओर से कुमार, डॉ संजय कुमार, विकास कुमार, रोशन अनुराग आदि उपस्थित थे।

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