अधूरी रह गयी बिहार के लवगुरु मटुकनाथ की मोहब्बत ! करंट अफेयर पढ़ने की उम्र में लव अफेयर वाली माशूका जूली छोड़कर गई सात समंदर पार

पटना. हमारे समाज में आज भी कोई युवा जोड़ा बीच सड़क पर अगर एक दूसरे का हाथ थामे चले तो लोग घूरने से नहीं चूकते. ऐसे में उम्र में 30 साल का अंतर रखने वाले प्रो. मटुकनाथ और उनकी शिष्या जूली की लव स्टोरी जब वर्ष 2006 में सामने आई तो दुनिया भर में मोहब्बत का यह जोड़ा प्रसिद्ध हो गया. मटुकनाथ और जूली की लव स्टोरी आज भी याद की जाती है. अपने प्रेम के कारण कई प्रकार की सामाजिक और पारिवारिक चुनौतियों को झेलने के बाद आज भी मटुकनाथ के दिल में जूली ही बसती है.

बिहार के भागलपुर में बिहार के लव गुरु से लोकप्रिय हुए मटुकनाथ का जीवन इस प्रेम कहानी में कई उतार-चढ़ाव को देख चुका है. संयोग से यह सिलसिला आज भी थमा नहीं है. अपनी शिष्या से प्यार करने वाले मटुकनाथ की लव स्टोरी को करीब 20 साल होने को हैं. वर्ष 2004 में पहली बार दोनों के बीच प्यार के कपोल फूटे. वर्ष 2006 में इश्क बदनाम हुआ. फिर तो मटुकनाथ और जूली बिहार ही नहीं पूरे देश में प्यार के पोस्टर कपल बन गए.

प्रेम की वजह से परिवार का अलगाव भी मटुकनाथ ने झेला. उनकी पत्नी आभा और बेटे उनसे दूर हो चुके हैं. सामाजिक स्तर पर बदनामी अलग से हुई. इन सबके बीच अब मटुकनाथ बिहार के भागलपुर जिले में कोरचक्का गांव में साढ़े तीन एकड़ के निजी भूखंड में विद्यालय का संचालन कर रहे हैं. प्रो चौधरी का पैतृक गांव भागलपुर जिले के बिहपुर प्रखंड के जयरामपुर गांव में है. वहीं दुनिया के रिवाजों को धता बताते हुए प्रेम के लिए विद्रोह करने वाली जूली भी अब मटुकनाथ से दूर जा चुकी है. इतनी दूर कि वह सात समंदर पार है.

मटुकनाथ की मानें तो जूली के साथ उनका प्रेम वर्ष 2014 में ही समाप्त होने लगा था. वर्ष 2015 में वह अपनी इच्छा से चली गयी. उन्होंने रोका भी नहीं. वर्ष 2020 में जूली की एक तस्वीर वायरल हुई थी. जिसमें वह काफी कमजोर अवस्था में दिख रही थी.बताया कि वर्ष 2020 में उन्हें एक शुभचिंतक के माध्यम से वेस्टइंडीज में जूली के बीमार होने की सूचना मिली. फिर उन्होंने जूली से संपर्क किया और वेस्टइंडीज गये. वहां पर करीब साढ़े तीन माह तक रहे. इस दौरान उन्होंने जूली का इलाज करावाया, जिसके बाद वह बिल्कुल ठीक थी. वह इन दिनों वही प्रवास कर रही है. यानी जूली अभी वेस्टइंडीज में रहती है.

गौरतलब है कि किसी दौर में पटना में प्रो मटुकनाथ और जूली के प्यार के किस्से खूब मशहूर हुए थे. पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाने वाले मटुकनाथ को अपनी शिष्य जूली से प्यार हो गया था. उस समय मटुकनाथ करीब 51 साल के थे तो जूली मात्र 21 साल की. दोनों को इस प्यार के लिए खूब बदनामी भी झेलनी पड़ी. हालांकि तमाम तरीके के ताने सुनने के बाद भी दोनों का प्यार बरकरार रहा. यहां तक कि पटना की सडकों पर रिक्शा में जूली को बैठाकर प्रो. मटुकनाथ घुमाते थे. हालांकि अब जूली और मटुकनाथ में दूरियां इतनी ज्यादा हैं कि वह सात समंदर पार चली गई है.

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