मुख्तार अंसारी ने जब AK-47 से विधायक कृष्णानंद राय पर चलवाई थी 500 गोलियां, MLA को मारी 67 गोली

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद भी उसके पुराने दिनों के आतंक के मामले आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं. सियासत में मुख्तार ने 1996 में पहली बार कदम बढ़ाया. विधानसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार के तौर पर उतरा और जीत भी हासिल की थी. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 2002 और 2007 में चुनाव जीता. मुख्तार अंसारी साल 2012 में कौमी एकता दल का गठन करके चुनाव मैदान में उतरा और जीत हासिल कर चौथी बार जीत का रिकार्ड बनाया. साल 2017 विधानसभा चुनाव में बीएसपी से उतरने के बाद भाजपा की लहर में भी जीत हासिल की थी. लेकिन सियासत में मिली सफलता के पिछले मुख्तार के अपराध की भी बड़ी भूमिका मानी गई. मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और सहित कई राज्यों में लगभग 60 से अधिक मामले लंबित थे. नृशंस हत्याओं के कई मामले तो ऐसे रहे कि आज भी उसे याद कर लोगों के रौंगटे खड़े हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का था.

कहते हैं कि कृष्णानंद राय की हत्या के बाद मुख्तार ने अट्टहास किया था. जोर जोर से चिल्लाया था चुटिया काट ली है… जय श्री राम ! कृष्णानंद राय अपने माथे पर चुटिया यानी टीक रखते थे. 19 साल पहले हुए विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का वह वाकया भी लोगों को याद आ गया है जब हत्या के बाद मुख़्तार के इशारे पर मरने के बाद कृष्णानंद राय की चुटिया काट ली गई थी. वर्ष 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कर दी गई थी. उस घटना की जांच में जो सनसनीखेज खुलासे हुए थे. उसमें मुख़्तार की संलिप्तता की बातें सामने आई थी.

जेल से सेटिंग : तत्कालीन आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक, उस वक्त मुख्तार अंसारी गाजीपुर जेल में बंद था. वहीं माफिया अभय सिंह फैजाबाद जेल में था. उस दिन अभय सिंह ने मुख्तार को फोन किया था. एसटीएफ के मुताबिक, दोनों के बीच कृष्णानंद राय की हत्या को लेकर बातचीत हुई थी. मुख्तार ने फोन पर कहा था कि चोटी काट ली है, जय श्री राम … मुठ्ठी पर है. दरअसल, घटना के दिन दोनों के बीच की बातचीत का जो ऑडियो सामने आया था उसमें अभय सिंह किसी जमीन को लेकर बात कर रहा था. लेकिन, अचानक से मुख्तार ने बात पलट दी और कहने लगा कि मुन्ना बजरंगी और कृष्णानंद राय के बीच गोलीबारी चल रही है. इस पर अभय पूछता है कि दोनों तरफ से चल रही है या एक तरफा. बातचीत में मुख्तार ने कटाक्ष अंदाज में कहा था कि चोटी काट ली है, जय श्रीराम…! मुख्तार की इस बात को अभय समझ जाता है और फोन कट कर लेता है.

7 लोगों की हत्या : कृष्णानंद राय चोटी रखते थे. गाजीपुर की मुहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर अंसारी परिवार का वर्चस्व रहा करता था,  जिसे 2002 के विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय ने खत्म कर दिया था। राय ने उस चुनाव में मौजूदा सांसद और मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को हरा दिया था। बताया जाता है कि भाई की हार पर मुख्तार बौखला गया था और जिसके बाद ये घटना हुई। हत्याकांड के समय मुख्तार जेल में बंद था।  वर्ष 2005 में मुहम्मदाबाद थाना के बसनिया चट्टी में बीजेपी विधायक कृष्णानन्द राय समेत 7 लोगों की हत्या की गई थी.

 

क्या हुआ था : कृष्णानंद राय बुलेट प्रूफ गाड़ी से चला करते थे. उन्हें ब्रजेश का बैकअप था. इस बीच, आरोप लगा कि मुख्तार आर्मी के एक भगोड़े से एलएमजी खरीदने की कोशिश में लगे हैं. उन पर पोटा के तहत केस दर्ज करने वाले एसटीएफ में डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने दावा किया कि उन्होंने मुख्तार को यह कहते हुए सुना था कि कृष्णानंद राय की बुलेट प्रूफ गाड़ी सामान्य राइफल से नहीं भेदी जा सकती, इसलिए एलएमजी का इंतजाम करना है. इसके लिए 1 करोड़ में सौदा तय हो रहा था. शैलेंद्र सिंह ने केस तो दर्ज कर एलएमजी भी बरामद कर ली लेकिन मुख्तार को गिरफ्तार करने की हसरत अधूरी रह गई. उन पर इतने दबाव पड़े कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. उन पर मुकदमे भी लाद दिए गए.

शरीर से निकली 67 गोलियां : मुख्तार के जेल जाने के बाद कृष्णानंद और लापरवाह हो गए. गाहे बगाहे वे बिना बुलेटप्रूफ गाड़ी के भी निकल जाते. 29 नवंबर 2005 को उन्हें करीमुद्दीनपुर इलाके के सेनाड़ी गांव में एक क्रिकेट मैच का उद्घाटन करने जाना था. हल्की हल्की बारिश हो रही थी. वे बुलेटप्रूफ गाड़ी छोड़कर सामान्य गाड़ी में चले गए. इसकी मुखबिरी हो गई. शाम 4 बजे के आसपास जब वे अपने गांव गोडउर लौट रहे थे तो बसनियां चट्टी पर उन्हें घेर लिया गया और एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग की गई, करीब 500 गोलियां चलाई गईं. कृष्णानंद समेत 7 लोग मारे गए. कृष्णानंद राय के शरीर से 67 गोलियां निकाली गईं. यह सामान्य हत्या नहीं थी. यह बताने के लिए था कि आपके इलाके में आपके लोगों के बीच घुसकर मारा है. कृष्णानंद राय की चुटिया उस समय फेमस हो चुकी थी. कहा जाता है कि हमलावरों में से एक हनुमान पांडेय ने उनकी चुटिया काट ली थी. बाद में उसी दौरान का एक ऑडियो सामने आया, जिसमें मुख्तार जेल से ही एक माफिया से बात कर रहे हैं और बता रहे हैं ‘चुटिया काट लिहिन’.

 

18 वर्ष बाद सजा : इस मामले में सांसद अफजाल अंसारी और माफिया मुख्तार अंसारी पर 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था. हालांकि लम्बे इंतजार के बाद 18 साल बाद अंसारी ब्रदर्स के आतंक को एक बड़ा विराम लगा है. कोर्ट ने मुख़्तार को 10 साल और अफजाल को 4 साल की सजा सुनाई है. अब मुख्तार अंसारी की हृदयाघात से मौत हो गई है. उनकी मौत के बाद भी कई तरह के आरोप लग रहे हैं कि उन्हें जहर देकर हत्या की गई है.

 

 

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