सीएम ने पीके को कहा मुर्ख, पीके ने पूछा कभी विद्वान कहते हैँ कभी मुर्ख, फिर मुझे सलाहकार क्यूँ रखा दो साल तक?

प्रशांत किशोर का नीतीश कुमार के मूर्ख वाले बयान पर तंज, बोले- नीतीश कुमार मुझे कभी मूर्ख तो कभी विद्वान बताते हैं, अगर मैं मूर्ख था तो मुझे अपने घर में 2 साल अपना एडवाइजर बनाकर क्यों रखा?

मधुबनी: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अपने ऊपर कांग्रेस और बीजेपी का एजेंट बनाए जाने पर नीतीश कुमार पर तंज कसा है। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ मैंने भी काम किया है। नीतीश जी की उम्र हो गई है। अगर, नीतीश कुमार के जनता में दिए बयानों को आप करीब से सुनेंगे और देखेंगे तो आप पाएंगे कि वो आदमी बोलना कुछ शुरू करते हैं और कुछ और बोल जाते हैं। अब कहीं न कहीं उम्र का असर दिख रहा है। सामाजिक-राजनीतिक तौर पर अकेले पड़ गए हैं, उन्हें घबराहट होती है। आप मुख्यमंत्री हैं या प्रधानमंत्री, हमने बहुत लोगों के साथ काम किया है। जब परिस्थितियां आपके अनुकूल न हो तो हर आदमी को डर-घबराहट होती है। नीतीश कुमार जिस स्थिति में आज हैं, वही घबराहट का नतीजा है कि कभी कह देते हैं कि तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर मैं विद्वान हूं, तो मैं मूर्ख नहीं हो सकता हूं। अगर मुझे किसी बात का ज्ञान नहीं है तो आपने मुझे दो साल तक अपना एडवाइजर बनाकर अपने घर में क्यों रखा था। अगर आपको हम कह रहे हैं कि आप कांग्रेस में अपना दल विलय कर लीजिए तो इससे तो कांग्रेस को फायदा होगा। तो फिर मैं बीजेपी का एजेंट कैसे हो गया।

“भाई कहना क्या चाहते हैं…?”: प्रशांत किशोर

मधुबनी के बरुबराही प्रखंड में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार कभी कह देते हैं कि प्रशांत किशोर बहुत होशियार आदमी है। किसी वक्तव्य में वो कह देते हैं कि प्रशांत ने कहा था कि जेडीयू को कांग्रेस में विलय करो। किसी वक्तव्य में हो कह देंगे कि प्रशांत किशोर बीजेपी का एजेंट है। अब आप उन चारों बातों को जोड़िए। नीतीश कुमार मुझे विद्वान भी बताते हैं और बेवकूफ भी। कभी कांग्रेस में विलय करने वाला भी बता रहे हैं, तो कभी बीजेपी का एजेंट भी। उन चारों बातों को आप कागज पर लीखिएगा तो पता चलेगा कि “भाई कहना क्या चाहते हैं…?”

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