नियोजित शिक्षकों की मांग हुई पूरी! : सक्षमता परीक्षा को लेकर नीतीश सरकार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी की बड़ी घोषणा..

PATNA:-सक्षमता परीक्षा को लेकर बिहार के लाखो नियोजित शिक्षकों के आन्दोलन के बाद राज्य के शिक्षा विभाग के मंत्री ने विजय चौधरी ने बड़ी घोषणा की है.ऑऩलाइन परीक्षा का विरोध करने वाले अभ्यर्थियों को राहत देते हुए शिक्षा मंत्री ने तीन बार ऑनलाइन के साथ ही दो बार ऑफलाइन परीक्षा लेने की बात कही है.यानी सक्षमता परीक्षा का आयोजन पांच दफे किया जायेगा जिसमें एक बार हरेक नियोजित शिक्षकों को पास करना होगा.वहीं सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होने या फेल हो जाने के बाद केके पाठक की अध्यक्षता वाली कमिटी की सेवा खत्म करने की अनुशंसा को लेकर शिक्षा मंत्री ने कुछ स्पष्ट नहीं किया है.

बताते चलें कि नियोजित शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से मुलाकात की है.इस मुलाकात के दौरान ही शिक्षा मंत्री ने नियोजित शिक्षकों को तीन बार की जगह पांच बार सक्षमता परीक्षा देने का अवसर देने की बात कही है.शिक्षामंत्री विजय कुमार चौधरी के अऩुसार नियोजित शिक्षकों को तीन बार ऑनलाइन और दो बार ऑफलाइन परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। नियोजित शिक्षक लंबे समय से लिखित परीक्षा लेने की मांग कर रहे थे।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह से सरकार ने तीन परीक्षा ऑनलाइन लेने के अलावा दो लिखित परीक्षा का मौका भी शिक्षकों को देने का निर्णय लिया है.

गौरतलब है कि बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के पहले फेज में सफल अभ्यर्थियों को 2 नवंबर 2023 को नियुक्ति पत्र देते हुए सीएम नीतीश ने घोषणा की थी कि एक मामूली परीक्षा लेकर नियोजित शिक्षकों को भी राज्यकर्मी का दर्जा दिया जायेगा और बाद में शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर नीतीश कैबिनेट ने मुहर लगा दी थी.इसमें तीन बार सक्षमता परक्षा आयोजित करने की बात कही गई थी और तीन अवसर लेने के बाद एक बार सक्षमता परीक्षा पास करने की अनिवार्यता रखी गई थी.वहीं इस परीक्षा में शामिल नहीं होने या तीन प्रयास में भी फेल होने पर नियोजित शिक्षकों की सेवा को लेकर फैसला करने का अधिकारा शिक्षा विभाग को दिया गया था.बाद में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति(bseb) को सक्षमता परीक्षा लेने की जिम्मेवारी दी गई.पहले चरण की सक्षमता परीक्षा के लिए आवेदन की प्रकिया शुरू की गयी और इसमें नियोजित शिक्षकों से तीन च्वाइस के जिलों को भी अंकित करने को कहा गया था.इस प्रावधान से घर के आस-पास के स्कूल में पदस्थापित नियोजित शिक्षकों को दूर के स्कूलों में भेजने का भय सताने लगा जिसकी वजह से काफी संख्या में नियोजित शिक्षकों ने अपने संघ के सलाह पर सक्षमता परीक्षा नहीं देने की घोषणा की दी.

नियोजित शिक्षकों एवं उनके संघ के सक्षमता परीक्षा के विरोध में उठाये जा रहे कदमों के बीच शिक्षा विभाग ने अपर मुख्य सचिव केके पाठक की अध्यक्षता में एक कमिटि बनाई और इस कमिटि ने बैठक के बाद सरकार को यह अनुशँसा भेजी कि जो नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा में आवोदन नहीं करते हैं या निर्धारित चांस में शामिल होने के बाद भी पास नहीं करते हैं.,तो उनकी सेवा खत्म कर दी जाए.केके पाठक की कमिटि के इस फैसले से नियोजित शिक्षक एवं उनका संघ आग-बबूला हो गया और खुलेआम संघर्ष का ऐलान कर दिया.विधानमंडल सत्र के दौरान 13 फरवरी को विधानसभा घेराव की घोषणा की.इस घोषणा के बाद केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियो और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर ये निर्देश दिया था कि 13 फरवरी को छुट्टी लेने और आन्दोलन में शामिल होने वाले नियोजित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाय,पर पाठक के आदेश को धता बताते हुए हजारों नियोजित शिक्षक पटना पहुंच गए और विधानसभा मार्च की कोशिश करने लगे.इस बीच इन शिक्षकों को शिक्षक संघ के साथ ही वामपंथी दल,कांग्रेस और आरजेडी का भी समर्थन मिलने लगा.हाल ही में नीतीश सरकार में शामिल हुए बीजेपी के नेता भी शिक्षकों की मांग का समर्थन करते हुए आन्दोलन वापस लेने की मांग की .इसके बाद नियोजित शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री विजय चौधरी से मुलाकात की.इस मुलाकात के बाद शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों की ऑफलाइन परीक्षा कराने की मांग मान ली है पर परीक्षा में शामिल नहीं होने या फेल करने पर सेवा से मुक्त करने के प्रस्ताव पर किसी तरह का ठोस आश्वासन नहीं दिया है.

नियोजित शिक्षकों की मांग को लेकर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने खुला पत्र लिखा था,जो इस प्रकार है…

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