सड़क व नाला निर्माण की अभियंताओं ने की जांच

सड़क व नाला निर्माण की अभियंताओं ने की जांच

निर्माण कार्य को लेकर ग्रामीण लगातार कर रहे थे शिकायत

 

 बड़हिया

नप क्षेत्र के नागवती स्थान रोड में कराया जा रहा निर्माण कार्य प्रारंभ से ही विवादों में घिरा रहा है. जिस वजह से कार्य के अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी सड़क व नाला निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है. बता दें कि नगर परिषद के द्वारा 34 लाख रुपये से अधिक की लागत से एनएच 80 से अवधेश सिंह के घर तक पीसीसी सड़क सह नाला निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था. हालांकि विवाद होने के बाद उसके निर्माण पर ग्रहण लग गया. जिसका कारण निर्माण कार्य में बरती जा रही अनियमितता को कारण बताया जा रहा है. जिसके खिलाफ स्थानीय ग्रामीण हर स्तर पर लगातार ही लिखित और मौखिक स्तर पर शिकायत करते रहे हैं. बावजूद समस्याएं जस की तस है. जिस वजह से फरवरी से शुरू हुआ नाला का निर्माण जहां अधर में है, तो वहीं सड़क निर्माण का कार्य शुरू भी नहीं हो सका है.

निरीक्षण करते कार्यपालक अभियंता कृष्णदेव रजक.

किये गये आधे-अधूरे नाला निर्माण को लेकर ग्रामीणों की शिकायत रही है कि उनके घर की जल निकासी बाधित कर दी गयी है. साथ ही प्राक्कलन से परे किये जा रहे निर्माण कार्य में संवेदक द्वारा भारी अनियमितता बरती जा रही है. पुराने नाला को तोड़कर बनाये जाने वाले इस कार्य में कीचड़ युक्त इस बड़े नाले की बगैर सफाई कराये ही काम शुरू किया गया है. बहते पानी में ही मसाला गिराकर जैसे तैसे काम हुए हैं. नाले के लिए निर्धारित छह इंच मोटे तल को जगह नहीं

देते हुए कटपीस छड़ को प्रयोग में लाया गया है. नगर से अनुमंडल तक किये गये इन तमाम शिकायतों के बीच शुक्रवार को विभागीय कार्यपालक अभियंता कृष्णदेव रजक और सहायक अभियंता अमरेंद्र कुमार द्वारा स्थल पर पहुंचकर मामले की जांच की गयी. जिनके पहुंचते ही ग्रामीणों ने अपनी शिकायतों की झड़ी लगा दी. जिसमें संवेदक और पदाधिकारियों की मिलीभगत से जैसे-तैसे काम करने व करवाने, सरकारी राशि का दुरुपयोग करने तथा निर्माण कार्य का विरोध करने

पर झूठे केस में फंसाने आदि की बातें कही गयी. यह भी कहा गया कि पूरे निर्माण कार्य के दौरान स्थल पर कभी भी जेई तक नहीं पहुंचा. कार्यपालक अभियंता ने जांचोपरांत नाला निर्माण कार्य से असंतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि संवेदक को इसे तोड़कर नये सिरे से निर्माण कार्य का आदेश दिया जायेगा. ऐसा नहीं करने पर उन्हें प्रतिबंधित करते हुए किसी अन्य संवेदक से जल्द ही कार्य को करवाया जायेगा. बरसात से पूर्व ही कार्य को पूर्ण करने पर बल दिया जायेगा, ताकि लोगों को परेशानी न हो. सड़क से डेढ़ फीट ऊंचे नाले को दिखाते हुए ग्रामीण उमेश कुमार ने कहा कि वे बेतरतीब निर्माण कार्य की शिकायतों के साथ न्यायालय तक अपनी बात रख चुके हैं. बावजूद पदाधिकारी बेहतर कार्य करवाने के बजाय संवेदक से मिल बैठकर संवाद करने और करवाने की बात कहते हैं. जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना ही है. मौके पर नगर कर्मी मृत्युंजय कुमार मुन्ना, सभापति प्रतिनिधि सुजीत कुमार समेत अन्य लोग उपस्थित रहे.

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